Rooftop Solar Installation: इंस्टॉलेशन से पहले किन-किन बातों का रखे ध्यान?

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आजकल सोलर पैनल्स का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, खासकर rooftop solar systems का, जो घरों और व्यवसायों के लिए एक किफायती और सही विकल्प साबित हो रहे हैं। सोलर पैनल इंस्टॉल करने से न केवल आपकी बिजली की खपत कम होती है, बल्कि यह प्रदूषण को भी घटाने में मदद करता है। कई बार हम बिना जानकारी के ही सोलर सिस्टम को इनस्टॉल कर लेते है और बाद में हमे कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है, इससे बचने के लिए हमे solar panel इंस्टॉल करने से पहले कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानें कि इंस्टॉल करने से पहले आपको किन-किन पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

  1. इंस्टॉलेशन स्थान (Installation Location)

सोलर पैनल के बिजली बनाने का सीधा संबंध उसके इंस्टॉलेशन स्थान से होता है। सही स्थान पर सोलर पैनल इंस्टॉल करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ  बातों का ध्यान रखना चाहिए:

सूरज की रोशनी का संपर्क (Sunlight Exposure): सोलर पैनल को अच्छे परिणाम देने के लिए सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है। आपके रूम के छत या छत की दिशा ऐसी होनी चाहिए कि उसे दिनभर में कम से कम 4-5 घंटे तक सीधी धूप मिले। दक्षिण दिशा पैनल इंस्टॉल करने के लिए आमतौर पर सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है क्योकि इस दिशा में पैनल लगाने पर दिन के ज्यादातर समय पैनल को धुप मिलती रहती है।

रोफ की दिशा और कोण (Roof Angle and Orientation): अगर आपका छत उचित कोण पर नहीं है, तो पैनल्स सूर्य से पर्याप्त ऊर्जा नहीं ले पाएंगे। आमतौर पर 30-40 डिग्री के कोण पर सोलर पैनल्स सबसे अच्छा काम करते हैं।

पर्याप्त जगह (Roof Space): आपकी बिजली जरुरत के मुताबित पैनल लगाने के लिए छत पर पर्याप्त जगह का होना जरूरी है। जितनी अधिक जगह होगी, उतने ज्यादा पैनल इंस्टॉल किए जा सकते हैं और बिजली उत्पादन बढ़ सकता है। इंस्टॉलेशन सुरु करवाने से पहले छत के माप जरूर ले।

छत की मजबूती (Structural Integrity): छत का मजबूत होना चाहिए, क्योंकि सोलर पैनल्स कुछ वजन डालते हैं। यदि आपकी छत पुरानी या कमजोर है, तो इंस्टॉल करने से पहले उसकी मरम्मत करवा लें।

  1. सरकारी सब्सिडी (Subsidy and Incentives)

भारत सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई सब्सिडी योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं आपकी सोलर पैनल्स इंस्टॉलेशन की लागत को काफी कम कर सकती हैं।

सरकारी योजनाएं: भारतीय सरकार 78 हजार रुपये तक और अलग अलग राज्य में सरकारें सोलर पैनल्स पर सब्सिडी देती हैं, जिससे आप कम लागत में सोलर पैनल लगवा सकते है। इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होता है, और एक प्रक्रिया के तहत सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है।

टैक्स क्रेडिट्स: कुछ राज्यों में टैक्स क्रेडिट्स और अन्य वित्तीय सहायता भी मिलती है। इससे आपके निवेश का मूल्य और भी कम हो सकता है।

  1. बजट (Budget)

सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का बजट एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। इसकी लागत कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे आप कौन सा पैनल लगवा रहे है, इंस्टॉलेशन में लगाने वाला खर्च, और उपलब्ध सरकारी सब्सिडी।

प्रारंभिक लागत: सोलर पैनल इंस्टॉलेशन में शुरुआती लागत में पैनल्स, बैटरी (अगर आप ऑफ-ग्रिड सिस्टम इंस्टॉल कर रहे हैं), तो Inverter price और इंस्टॉलेशन फीस  शामिल होते हैं। यह लागत आपके बजट पर असर डालते है।

लंबे समय में बचत: हालांकि शुरुआती लागत अधिक हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह सिस्टम बिजली के बिल को कम करने में मदद करता है। लगभग पांच से सात सालो के अंदर सोलर की पूरी लगत वसूल हो जाती है।

लोन लेकर लगाए पैनल: यदि आपके पास पैसो की कमी है तो आप बैंक से लोन लेकर सोलर पैनल लगवा सकते है, इसके लिए आपको कई बैंकों और संस्थानों से सोलर लोन मिल सकते हैं। इससे आप आसानी से इंस्टॉलेशन के लिए फंडिंग कर सकते हैं।

  1. विभिन्न प्रकार के सोलर पैनल्स (Difference in Solar Panels)

सोलर पैनल्स कई तरह के होते हैं, और हर प्रकार की अपनी विशेषताएं  होती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके घर या बिज़नेस के लिए कौन सा पैनल लगाना सबसे अच्छा रहेगा।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल: यह पैनल्स सबसे अधिक प्रभावी होते हैं और छोटे स्थानों पर ज्यादा बिजली उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, इनकी कीमत औरो के मुकाबले थोड़ी अधिक होती है।

पॉलीक्रीस्टलाइन सोलर पैनल: ये पैनल्स मोनोक्रिस्टलाइन की तुलना में कम कीमत पर मिल जाते हैं, लेकिन इनकी बिजली बनाने की क्षमता थोड़ी कम हो सकती है।

थिनफिल्म सोलर पैनल: ये हल्के और लचीले होते हैं, लेकिन इनकी कार्यक्षमता भी कम होती है। इनका उपयोग कम जगह वाले स्थानों पर किया जाता है।

सही पैनल का चयन करने से पहले आपको अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं और बजट के हिसाब से चयन करना चाहिए।

  1. इंस्टॉलेशन प्रक्रिया (Installation Process)

सोलर पैनल इंस्टॉल करना एक तकनीकी प्रक्रिया है, और इसे सही तरीके से किया जाना चाहिए। इसे किसी अनुभवी सोलर इंस्टॉलर द्वारा ही कराया जाना चाहिए जो इसकी अच्छी जानकारी रखता हो।

प्रोफेशनल इंस्टॉलेशन: पहले ये सुनिश्चित करें कि आपके solar panel installation करने वाले के पास लाइसेंस और प्रमाणपत्र हों, और वह आपकी छत की पूरी जाँच कर सके। सही इंस्टॉलेशन आपके सोलर पैनल्स की कार्यक्षमता को सुनिश्चित करता है।

सिस्टम का टेस्ट: इंस्टॉलेशन के बाद, सिस्टम को टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पैनल सही तरीके से काम कर रहे हैं। इसे चालू करने से पहले, यह जांच करें कि सभी कनेक्शन्स सही तरीके से किए गए हों।

रूफटॉप सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पहले आपको कई महत्वपूर्ण बातो पर विचार करना चाहिए। सही स्थान को चुनना, सरकारी सब्सिडी, बजट, पैनल का चयन और इंस्टॉलेशन प्रक्रिया सभी महत्वपूर्ण हैं। अगर आप सही जानकारी और जाँच के साथ इन बातो  को ध्यान में रखते हैं, तो सोलर पैनल्स एक लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकते हैं और आपके बिजली बिलों में भारी कमी ला सकते हैं।

DkKhabar

देवेश सैनी dkkhabar.in वेबसाइट के संस्थापक और संपादक भी हैं। उन्होंने रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से परास्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उमेश 2019 से अपने यूट्यूब चैनल DK Study के माध्यम से रिजल्ट, एडमिट कार्ड, टाइम टेबल सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाओं और इंटरनेट से जुड़ी जानकारी साझा करते रहे हैं। उनके पास 4 साल से अधिक का अनुभव है।

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